Thursday, January 8, 2009

एक ज़िन्दगी की बदलती कहानी

हम तस्वीरों में अपने आप को कहाँ देखते हैं?
बहते हुए पानी में हम कभी भी अपनी परछाई को समझने की कोशिश कर सकते हैं।


हम तस्वीरों में अपने आप को कहाँ देखते हैं?
बहते हुए पानी में हम कभी भी अपनी परछाई को समझने की कोशिश कर सकते हैं।


हम तस्वीरों में अपने आप को कहाँ देखते हैं?
बहते हुए पानी में हम कभी भी अपनी परछाई को समझने की कोशिश कर सकते हैं।


हम तस्वीरों में अपने आप को कहाँ देखते हैं?
बहते हुए पानी में हम कभी भी अपनी परछाई को समझने की कोशिश कर सकते हैं।


हम तस्वीरों में अपने आप को कहाँ देखते हैं?
बहते हुए पानी में हम कभी भी अपनी परछाई को समझने की कोशिश कर सकते हैं।


हम तस्वीरों में अपने आप को कहाँ देखते हैं?
बहते हुए पानी में हम कभी भी अपनी परछाई को समझने की कोशिश कर सकते हैं।


हम तस्वीरों में अपने आप को कहाँ देखते हैं?
बहते हुए पानी में हम कभी भी अपनी परछाई को समझने की कोशिश कर सकते हैं।


हम तस्वीरों में अपने आप को कहाँ देखते हैं?
बहते हुए पानी में हम कभी भी अपनी परछाई को समझने की कोशिश कर सकते हैं।


हम तस्वीरों में अपने आप को कहाँ देखते हैं?
बहते हुए पानी में हम कभी भी अपनी परछाई को समझने की कोशिश कर सकते हैं।


राकेश

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