Tuesday, April 7, 2009

जीवन की कल्पना


दिनाँक- 29/3/09, जगह- दक्षिणपुरी, समय- दोपहर 1:35 बजे


श्री सत्यनारायण पूजन

जीवन में कथाओं का बहुत बड़ा महत्व होता है। कथाएँ हमारी मार्गदर्शक बनकर आत्मा को सत्य की ओर ले जाती हैं। वो सत्य जो आत्मा, शरीर, मन, ज्ञान से मिला देता है और एक कर देता है। इंसान अपने जीवन काल में धर्म या किसी सत्य से जुड़कर जीता है। वो अपनी शुद्धी के लिए और अपने पुर्नजन्मों की कुशलता के लिए हवन, जाप और यज्ञ करता है जिसकी कल्पना इसी जन्म मे हो जाती है। वो क्या हो, कैसी स्थिती में हो?

मानवता का एक ओर रूप है। पुर्ननिर्माण मानव कल्पना। जो अदृश्य है। वो सत्य होगा। इसलिए सारे क्रियाकलाप हो रहे हैं।

राकेश

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