Tuesday, August 31, 2010

जो सबसे नजदीक रहती है

आर.टी.वी बस में कोने की सीट
पार्क में कोई तनहा बेंच
खाली बस स्टेंड का इशारा
बाइक के पीछे की सीट
स्ट्रीट लेम्प के नीचे का कोना
छत की तन्हाई में सुनी बालकनी
गली का सबसे कोने का मकान
सबसे पीछे वाला चबूतरा
चौराहे पर खड़ा स्कूटर
किसी स्कूल की मुंडेरी
बारात घर की छत
बन्द घर की बाहर निकलती सीढ़ियाँ
बनते हुए मकान की बेकार पड़ी इंटे
फैंकी गई कुर्सियाँ
टेंट वाले के सुखते कारपेट
मिट्टी के भरे पड़े बोरे
रेट के चिट्ठे
भूली पड़ी खाट
बन्द हो रहे बाजार के तख्त
सड़क किनारे खड़े रिक्शे
खाली दुकान के बेंच
नाई के शीशे
प्याऊ की टंकियाँ
मन्दिर की सीढ़ियाँ
बूड मार्किट की लकड़ियाँ
चलान मे पकड़ी गई बसें
जले हुए बर्तन
शमशान की कब्र
पेड़ों पर बनी मचान
सर्कस की सबसे पीछे वाली कनात
मेले के झूले
किसी सरकारी आफिस की रेलिंग
बैंक के बाहर लगी सीटें
बस स्टेंड का कोना
जागरणों मे बिछे टाट
पार्क फिल्मों के पड़े बोरे
आफिस की लाइब्रेरी की कोई भी कुर्सी


किसी के पास है कोई - किसी की तलाश मे है कोई

लख्मी -

1 comment:

हमारीवाणी said...

http://chitthajagat.in/?chittha=http://shabdavali.blogspot.com/