Friday, October 4, 2013

काम

नियमित काम
खुद को शून्य में रखकर – असंख्य में देख पाना


बराबरी काम
"मैं" की अनेकता या विशालता का एक रूप


झुण्ड में काम
ऊर्जा के अनबैलेंस को बैलेंस में देखने का आभास

सौगात में काम
मौजूदा वक़्त को तैयारी में लाना कल और कहां के ख्याब के लिये


विभाजन में काम
परमपरागत जीने से विपरित दुनिया के स्वाद में ले जाना।


फीका काम
नियमित्ता के साथ टकराव


काम में अनेकता
गहनता में होना जो समय की विभिन्नताओं पर खड़ा है


काम के कारण
समय के गठन में वापसी जिसमें हर बार रूप बदलाव में होता है


काम का पूर्वआभाष
असंख्यता को पाने की अभिलाषा जिसमें भविष्य की लपेट नहीं है।


काम का किनारा
लघु ठहराव जो सुस्ताने से नहीं, तैयारी में देखा जा सकता है।


पारदर्शी काम
समय के रूपातरण होकर दृश्य अपनी मौजूदा छवि में नहीं है।

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